सच: हुक्का पीना सिगरेट की ही तरह हानिकारक है क्योंकि दोनों उत्पाद के
अंत में कार्सिनोजन लगा रहता है जो कि एक कैंसर पैदा करने वाला पदार्थ है।
मिथक 2: हुक्के में मिलाया जाने वाला फ्लेवर स्वास्थ्य के लिये हितकर
है
सच: इसमें किसी भी तरह की सच्चाई नहीं है। हुक्के का स्वाद बदलने के
लिये केवल उसमें फ्रूट सीरप मिलाया जाता है जिससे उसके फ्लेवर में बदलाव आ
जाता है। इसका यह बिल्कुल भी मतलब नहीं है कि हुक्के में किसी भी प्रकार
का फल मिलाया गया हो। इसलिये यह आशा ना करें कि हुक्के को पी कर आपको
विटामिन मिलेगा।
मिथक 3: हुक्के के धुएं में कम निकोटीन होती है
सच: हुक्के की तम्बाकू में पाया जाने वाला एक हानिकारक पदार्थ निकोटिन होता
है जो हुक्का पीने पर हमारे शरीर में प्रवेश करता हैं। यह हानिकारक पदार्थ
निकोटिन हाथ-पैरों की खून की नलियों में धीरे-धीरे कमजोरी व सिकुड़न पैदा
करना शुरू कर देता है।
मिथक 4: हुक्के में मौजूद पानी सभी विशैले तत्वों को फिल्टर कर देता है
सच: यह बिल्कुल गलत है बल्कि धुएं से भरा पानी आपके फेफड़े को बिल्कुल
सिगरेट की तरह नुकसान पहुंचा सकता है। पानी धुएँ को फिल्टर नहीं करता।
तंबाकू के धुएँ में 4000 तरह के जहरीले रसायन होते हैं।
मिथक 5: हुक्का पीने की लत नहीं लग सकती
सच: यह गलत धारणा है कि हुक्के का कोई आदि नहीं हो सकता। सिगरेट की तरह
इसमें भी निकोटीन होता है इसलिये किसी किसी को इसकी लत लग सकती है।
मिथक 6: साधारण हुक्के की जगह हर्बल हुक्का अच्छा होता है
सच: हर्बल शीशा या हुक्का किसी भी तरह से फायदा नहीं पहुंचाता। बल्कि यह
व्यक्ति को तार और कैंसर पैदा करने वाले तत्वों से भरता है।
मिथक 7: हुक्का फेफडे़ को नहीं जलाता
सच: सच्चाई तो यह है कि हुक्के का धुआं ठंडा होने के बाद भी हानिकारक
होता है। इसमें कैंसर पैदा करने वाले एजेंट भारी मात्रा में होते हैं।
हांलाकि यह फेफडे़ को जलाता नहीं है पर फिर भी यह रिस्की है।
मिथक 8: मिथक हुक्के की पाइप शेयर करने से कोई नुकसान नहीं है
सच: आप जितनी बार भी हुक्के की पाइप को शेयर करेंगे आपको उतनी ही बार
संक्रमण, हर्पीस या अन्य बीमारियां फैलने का खतरा हो सकता है।
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